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PM Vishwakarma Yojana (विश्वकर्मा योजना) 2024 – Benefits, Toolkit, Eligibility, Online Registration

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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार द्वारा 17 सितंबर 2023 को शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प और शिल्पकारों को व्यापक समर्थन प्रदान करना , कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को उन्नत करना, उनके उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार पहुंच में सुधार करना,और उन्हें औपचारिक एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र में शामिल करना है। यह योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करती है, जिनमें बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, ताला बनाने वाले, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं।

योजना के तहत सरकार ने 13000 करोड़ रुपये का बजट बनाया है। जिसका फायदा देश भर में 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के साथ बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कुम्हार, दर्जी, मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले, माला बनाने वाले, चिनाई करने वाले और अन्य भी कई प्रकार के श्रमिकों को होगा। फिलहाल इस योजना को शुरुआत में 2027-28 तक पांच साल के लिए लागू किया गया है।

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  • पहचान और प्रमाणन: कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्रदान किए जाएंगे।
  • कौशल उन्नयन: 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिनों या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण, जिसमें प्रति दिन ₹500 का वजीफा मिलेगा।
  • उपकरण प्रोत्साहन: बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत में ₹15,000 तक का टूलकिट प्रोत्साहन ई-वाउचर के रूप में प्रदान किया जाएगा।
  • ऋण सहायता: बिना गारंटी के ₹3 लाख तक का ऋण दो चरणों में उपलब्ध होगा—पहले चरण में ₹1 लाख (18 महीने की अवधि) और दूसरे चरण में ₹2 लाख (30 महीने की अवधि) 5% की रियायती ब्याज दर पर।
  • डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: प्रत्येक डिजिटल लेनदेन पर ₹1 का प्रोत्साहन, अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह तक।
  • विपणन सहायता: गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर उपस्थिति, विज्ञापन, प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियों के माध्यम से सहायता।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पात्र कारीगरों और शिल्पकारों को दो चरणों में कुल ₹3 लाख तक का लोन 2 किस्तों में प्रदान किया जाता है:

  • पहला चरण: ₹1 लाख तक का लोन, जिसकी पुनर्भुगतान अवधि 18 महीने है।
  • दूसरा चरण: ₹2 लाख तक का ऋण, जिसकी पुनर्भुगतान अवधि 30 महीने है।

दोनों चरणों में ऋण की ब्याज दर 5% प्रति वर्ष निर्धारित की गई है।

प्रतिदिन मिलेंगे 500 रुपये

विश्वकर्मा योजना दो प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन करेगी, जिनमें पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’ होगा। इस पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले व्यक्तियों को मानदेय (स्टाइपेंड) भी प्रदान किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपये के अनुसार मानदेय दिया जाएगा। इस योजना के पहले चरण में 100000 रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम 5 प्रतिशत) लागू होगा। व्यवसाय को व्यवस्थित करने के पश्चात, दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का रियायती ऋण प्रदान किया जाएगा।

  • आवेदक को एक कारीगर या शिल्पकार होना आवश्यक है, जो असंगठित या अनौपचारिक क्षेत्र में 18 निर्धारित परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में स्वरोजगार के आधार पर कार्यरत हो।
  • आवेदक की न्यूनतम आयु पंजीकरण की तिथि पर 18 वर्ष होनी आवश्यक है।
  • आवेदक ने पिछले 5 वर्षों में स्वरोजगार या व्यवसाय विकास के लिए किसी भी केंद्रीय या राज्य ऋण-आधारित योजना, जैसे पीएम स्वनिधि, पीएमईजीपी, या मुद्रा के तहत ऋण नहीं लिया है। हालांकि, यदि मुद्रा और स्वनिधि के आवेदक ने अपने ऋण का पूरा भुगतान कर दिया है, तो वे पीएम विश्वकर्मा के तहत ऋण के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। यह 5 वर्ष की अवधि ऋण स्वीकृति की तिथि से शुरू होती है।
  • आवेदक या उनके परिवार के सदस्य किसी भी सरकारी सेवा में कार्यरत न हो।
  • आवेदक के पास आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र, मोबाइल नंबर, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और राशन कार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेज़ होने चाहिए।
  • इस योजना का पंजीकरण और लाभ केवल परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी की जाती है:

Step 1. नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं: आवेदनकर्ता को अपने निकटतम CSC केंद्र पर जाना होगा, क्योंकि योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया वहीं से संचालित होती है।

Step 2. मोबाइल और आधार सत्यापन: CSC केंद्र पर अपने मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का सत्यापन कराएं।

Step 3. कारीगर पंजीकरण फॉर्म भरें: सत्यापन के बाद, कारीगर पंजीकरण फॉर्म भरें, जिसमें व्यक्तिगत और व्यवसाय से संबंधित जानकारी प्रदान करें।

Step 4. पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्राप्त करें: पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने पर, आपको पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और डिजिटल आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा।

Step 5. योजना के लाभों के लिए आवेदन करें: प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद, आप योजना के तहत उपलब्ध विभिन्न लाभों, जैसे ऋण सहायता, कौशल प्रशिक्षण, और उपकरण प्रोत्साहन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड: पहचान प्रमाण के रूप में।
  • पते का प्रमाण: जैसे राशन कार्ड, बिजली बिल, पानी का बिल आदि।
  • व्यवसाय प्रमाणपत्र: व्यवसाय पंजीकरण प्रमाणपत्र या व्यापार लाइसेंस।
  • बैंक खाता विवरण: बैंक पासबुक की छायाप्रति, जो आधार से लिंक हो।
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ: हाल ही में खींची गई।
  • मोबाइल नंबर: सक्रिय मोबाइल नंबर।
  • जाति प्रमाणपत्र: यदि लागू हो।

इन दस्तावेजों के साथ, आप अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ मुख्य रूप से उन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को प्रदान किया जाता है जो अपने हस्तकौशल और पारंपरिक शिल्प से जुड़े हुए हैं। इसके तहत निम्नलिखित प्रकार के कारीगरों को लाभ मिलेगा:

  1. बढ़ई (सुथार)
  2. नाव निर्माता
  3. कवचकार
  4. हथियार निर्माता
  5. लोहार
  6. ताला बनाने वाले
  7. सुनार
  8. कुम्हार
  9. मूर्तिकार
  10. मोची/जूता कारीगर
  11. राजमिस्त्री
  12. टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता
  13. गुड़िया और पारंपरिक खिलौना निर्माता
  14. नाई
  15. माला बनाने वाले
  16. धोबी
  17. दर्जी
  18. मछली पकड़ने का जाल निर्माता

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूलकिट योजना प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का ही एक हिस्सा है, न कि एक अलग योजना। इस योजना के अंतर्गत, केंद्र सरकार 18 प्रकार के श्रमिकों को उनके कार्य के लिए आधुनिक उपकरण खरीदने हेतु 15000 रुपये का e-Voucher प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत, पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े श्रमिक आवेदन कर सकते हैं और उन्हें 15000 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ प्रशिक्षण भत्ता और कम ब्याज पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।

जो लोग प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करके अपनी प्रशिक्षण पूरी करते हैं, उन्हें सरकार द्वारा 15000 रुपये की सहायता e-voucher के माध्यम से दी जा रही है। विश्वकर्मा टूलकिट योजना के तहत, जो e-voucher सफल उम्मीदवारों को प्रदान किए जा रहे हैं, उनका उपयोग करके वे अपने कार्य से संबंधित उचित और आधुनिक उपकरण खरीद सकते हैं। टूलकिट e-voucher का उपयोग केवल इस योजना के अंतर्गत ही किया जा सकता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है

विश्वकर्मा योजना एक नई पहल है जिसे केंद्र सरकार ने शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों, बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वालों और अन्य श्रमिकों को आर्थिक सहायता और कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना है।

विश्वकर्मा योजना के तहत कितने तक का लोन मिलेगा ?

विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पात्र कारीगरों और शिल्पकारों को 3 लाख तक का लोन 2 किस्तों में दिया जायेगा, पहली किस्त में 1 लाख रुपये और दूसरी किस्त में 2 लाख रुपये का ऋण मिलेगा।

विश्वकर्मा योजना में कितने लोगों को लाभ मिलेगा ?

विश्वकर्मा योजना में लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों, बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों आदि को लाभ मिलेगा

विश्वकर्मा योजना में किस ब्याज दर पर लोन मिलेगा ?

विश्वकर्मा योजना के तहत मिलने वाले लोन की ब्याज दर 5% प्रतिवर्ष होगी।

पीएम विश्वकर्मा योजना का बजट कितना है?

केंद्र सरकार ने विश्वकर्मा योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए कौन पात्र है?

विश्वकर्मा समुदाय की 140 से अधिक जातियां इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं।

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